पीलीभीत : बेसिक शिक्षा परिषद को ओर से संचालित परिषदीय
स्कूलों में वार्षिक परीक्षा 25 व 26 मार्च को होगी। परीक्षा का रिजल्ट 31 मार्च को स्कूलों में विद्यालय प्रबंध समिति (एसएमसी) की बैठक में घोषित होगा।
रिजल्ट घोषित होने के बाद सभी बच्चों को अगली कक्षा में प्रमोट कर दिया जाएगा। मगर परिषदीय स्कूलों के शिक्षक इस निर्णय के खासे परेशान हैं।
वजह यह है कि होली की छुट्टी में ही उन्हें मूल्यांकन और परीक्षा फल तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।
जिले में 1503 परिषदीय विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं। इन स्कूलों में 2.20 लाख बच्चे पंजीकृत हैं। कोविड-19 काल के तहत स्कूलों में कक्षा एक आठ तक के बच्चों की पढ़ाई रोस्टर के मुताबिक कराई जा रही है।
प्रत्येक कक्षा के बच्चे सप्ताह में एक दिन ही पढ़ाई करने पहुंच रहे हैं।
इधर महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने 25 और 26 मार्च को वार्षिक परीक्षा कराने का फरमान जारी किया है जारी शासनादेश के मुताबिक 27 से 30 मार्च तक मूल्यांकन और परीक्षाफल तैयार किया जाना है।
वहीं 31 मार्च को परीक्षाफल की घोषणा और वितरण कराने के निर्देश दिए गए हैं। जबकि 28 और 29, मार्च को होली की छुट्टी है।
शासन के मुताबिक कक्षा एक और दो के बच्चों की 30 मिनट की मौखिक परीक्षा आयोजित की जाएगी। अन्य कक्षाओं की लिखित परीक्षा होगी।
कक्षा तीन से पांच तक प्रत्येक कक्षा के लिए सभी विषयों आधारित 50 प्रश्नों का सम्मिलित बहुविकल्पीय प्रश्नपत्र तैयार कराया जाएगा, जिसको अवधि एक घंटा होगी।
कक्षा छह और सात तक प्रत्येक कक्षा के लिए सभी विषयों पर आधारित 50 प्रश्नों का सम्मिलित अति लघु उत्तरीय प्रश्नपत्र तैयार घंटा होगी ।
कक्षा आठ के बच्चों के लिए सभी विषयों की बहुविकल्पीय और अति सघु उत्तरीय प्रश्न के : आधार पर आधे-आधे घंटे की लिखित परीक्षाएं होगी शासनादेश में कहा गया है कि जिलास्तर पर तीन सदस्यीय समिति प्रश्नपत्र तैयार करेगी। इस समिति में डायट प्राचार्य, बीएमए और सर्व शिक्षा अभियान के जिला समन्वयक (गुणवत्ता) शामिल होंगे।
कक्षा तीन से सात तक के बच्चों की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन विद्यालय स्तर पर किया जाएगा।
कक्षा आठ के बच्चों की कॉपियों का मूल्यांकन ब्लॉक संसाधन केंद्र पर दूसरे स्कूलों के शिक्षकों द्वारा किया जाएगा इधर शासन के इस आदेश से परिषदीय स्कूलों के शिक्षक परेशान है।
उनका कहना है कि दो दिन में परीक्षा सम्पन्न कराना और होली की छुट्टियों में कॉपियां जांचना और रिजल्ट तैयार करना बेहद मुश्किल भरा काम है।
अभी तक स्कूलों में कोविड प्रोटोकॉल के तहत रोस्टर के मुताबिक बच्चों को बुलाया जा रहा था।
अब दो दिन में सभी बच्चों को बुलाने से कोविड प्रोटोकॉल के संबंध में जारी दिशा-निर्देशों का पालन कराना पीएम मुश्किल होगा।
कुल मिलाकर देखा जाए तो शासन यह निर्णये शिक्षकों के लिए मानसिक रूप से परेशान करने वाला साबित हो रहा है।
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