ग्रामीण के विद्यालयों में शिक्षकों की तैनाती को लेकर दशकों से
चली आ रही विसंगति जल्द ही दूर की जाएगी। इसके लिए सरकार नगर व ग्रामीण का विभाजन खत्म करने जा रही है।
शिक्षकों के नगरीय व ग्रामीण कैडर को खत्म कर एक करने की योजना है।
एक कैडर होते ही ग्रामीण क्षेत्रों से नगर में शिक्षकों के स्थानांतरण का रास्ता साफ हो जाएगा। ऐसे में नगर के विद्यालयों में अध्यापकों की कमी जल्द दूर होने वाली है।
बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित नगर के विद्यालयों में शिक्षकों का टोटा बना हुआ है। वाराणसी में ही नगर के 101 विद्यालयों में से 26 विद्यालय एक शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं।
बनारस ही नहीं सूबे के अन्य जनपदों की भी स्थिति कुछ इसी प्रकार है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों के कई विद्यालयों में छात्रों के अनुपात में शिक्षकों की संख्या अधिक है।
इसके पीछे पिछले डेढ़ दशकों से नगर के विद्यालयों में अध्यापकों की नियुक्ति न होना मुख्य कारण है। हाल में ही सूबे में 69000 शिक्षकों की भर्ती हुई। इसमें बनारस में 203 शिक्षक नियुक्त हुए।
नवनियुक्त शिक्षकों की तैनाती ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यालयों में ही हुई। करीब डेढ़ दशक पहले ग्रामीण से नगर के विद्यालयों में शिक्षकों का स्थानांतरण हुआ था।
इसके बावजूद नगर व ग्रामीण में शिक्षकों के अनुपात में काफी अंतर बना हुआ है। नए परिसीमन में ग्रामीण क्षेत्रों के 60 विद्यालय नगर में शामिल हुए हैं।
हालांकि इन विद्यालयों में तैनात शिक्षकों का भी स्थानांतरण नहीं हो सका है। बहरहाल कैडर एक कर देने से नगर में शिक्षकों की कमी दूर होना तय है।
बेसिक शिक्षामंत्री बोले विसंगति दूर करने के लिए एक करने की तैयारी
कैडर एक होने से शिक्षकों के स्थानांतरण का रास्ता होगा साफ
नगर के विद्यालयों में दूर होगी छात्रों के अनुपात में अध्यापकों की कमी
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