परिषदीय / मान्यता प्राप्त विद्यालयों के लिए विद्यालय संचालन एवं पढ़ाई के घण्टे, विद्यालय अवधि, शिक्षण दिवस, समय सारिणीआदि के बारे में आदेश - updatesbit

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परिषदीय / मान्यता प्राप्त विद्यालयों के लिए विद्यालय संचालन एवं पढ़ाई के घण्टे, विद्यालय अवधि, शिक्षण दिवस, समय सारिणीआदि के बारे में आदेश

टाइम एण्ड मोशन स्टडी के आधार पर शैक्षणिक कार्यों के लिये समय अवधि एवं कार्य निर्धारण के संबंध में आदेश- 


लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिये अति आवश्यक है कि शिक्षक द्वारा कक्षा-कक्ष में शिक्षण कार्यों एवं बच्चों के साथ सीखने-सिखाने में अधिक समय व्यतीत किया जाये। विद्यालयों में वर्तमान में प्रचलित कार्यों के संबंध में परियोजना स्तर पर किये गये टाइम एण्ड मोशन स्टडी में प्राप्त विश्लेषण के आधार पर बेहतर शैक्षणिक वातावरण उपलब्ध कराने के दृष्टिगत निम्नलिखित कार्यवाही सुनिश्चित की जानी है -

1 विद्यालय अवधि : उ०प्र० बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित परिषदीय / मान्यता प्राप्त विद्यालयों के लिए विद्यालय संचालन एवं पढ़ाई के घण्टे निम्नवत निर्धारित किये जाते हैं :

 शैक्षणिक समय > 01 अप्रैल से 30 सितम्बर तक

प्रातः 8:00 बजे से अपरान्ह 2:00 बजे प्रार्थना सभा / योगाभ्यास प्रातः 8:00 से 8:15 बजे

01 अक्टूबर से 31 मार्च तक :

प्रातः 9:00 बजे से अपरान्ह 3:00 बजे प्रार्थना सभा / योगाभ्यास प्रातः 9:00 से 9:15 बजे

विद्यालय प्रारम्भ होने पर उक्तानुसार प्रार्थना सभा के पश्चात् का समय योगाभ्यास के लिये निर्धारित किया जाता है। शिक्षक शिक्षण अवधि से 15 मिनट पूर्व एवं शिक्षण

अवधि के पश्चात् न्यूनतम 30 मिनट विद्यालय में उपस्थित रहेंगे तत्क्रम में विद्यालय संचालन हेतु साप्ताहिक एवं वार्षिक पंचांग संबंधी विवरण संलग्न है। 

समय सारिणी : विद्यालय निर्धारित समय सारिणी के अनुसार ही संचालित किये  जायेंगे। निर्धारित समय सारिणी के अनुसार प्रत्येक कालाँश 40 मिनट का होगा। प्रत्येक कालाँश में शिक्षकों द्वारा अपने विषय से जुड़ाव के लिये सकारात्मक वातावरण का निर्माण किया जाये एवं पिछले दिनों पढ़ाये गये पाठ की पुनरावृत्ति / रिकैप कराया जाये तदुपरान्त प्रभावी कक्षा शिक्षण / गतिविधियों का संचालन एवं कालोँश के अन्त में पढ़ाये / सिखाये गये पाठ्य बिन्दु का समेकन किया जाये।

3 शिक्षण दिवस:- शैक्षिक सत्र में न्यूनतम 240 शिक्षण दिवस का संचालन सुनिश्चित किया जायेगा।

4 सार्वजनिक अवकाश : उ०प्र० बेसिक शिक्षा परिषद के नियंत्रणाधीन संचालित विद्यालयों / मान्यता प्राप्त बेसिक विद्यालयों में सचिव उ०प्र० बेसिक शिक्षा परिषद, प्रयागराज के कार्यालय द्वारा जारी अवकाश तालिका से भिन्न स्थानीय स्तर पर जिलाधिकारी के अतिरिक्त अन्य किसी अधिकारी द्वारा कोई अवकाश स्वीकृत नहीं किया जायेगा। मण्डलीय / जनपदीय रैलियों / समारोह / विशेष कार्यक्रम के कारण कार्यक्रम स्थल / संबंधित विद्यालय के अतिरिक्त अन्य विद्यालयों के समय में परिवर्तन अथवा बन्द किया जाना प्रतिबन्धित होगा। मण्डलीय / जनपदीय रैलियों के संबंध में शासन एवं निदेशालय स्तर से निर्गत निर्देशों के अनुसार कार्यवाही की जायेगी। ग्रीष्मावकाश एवं शीतकालीन अवकाश :

5 उ०प्र० बेसिक शिक्षा परिषद के नियंत्रणाधीन संचालित विद्यालयों / मान्यता प्राप्त बेसिक विद्यालयों में शैक्षिक सत्र 2021-22 से ग्रीष्मावकाश एवं शीतकालीन अवकाश निम्नवत निर्धारित किया जाता है :

शीतकालीन अवकाश दिनॉक 31 दिसम्बर से 14 जनवरी तक

√ ग्रीष्मावकाश दिनाँक 20 मई से 15 जून ● ग्रीष्मावकाश के पश्चात् सत्रारम्भ दिनॉक 16 जून पंजिकाओं का रख-रखाव 

6  विभिन्न निरीक्षणों, बैठकों, एस०आर०जी० एवं ए०आर०पी० तथा अधिकारियों से प्राप्त फीडबैक के अनुसार विद्यालयों में सम्प्रति 40 से अधिक पंजिकायें व्यवहृत की जा रही हैं। सम्यक् विचारोपरान्त विद्यालयों प्रयोग में लायी जा रही पंजिकाओं के संशोधन, संविलियन एवं कतिपय पंजिकाओं के निरस्तीकरण का निर्णय लिया गया है। अतः तत्काल प्रभाव से विद्यालयों में निम्नांकित पंजिकायें ही उपयोग में लायी जायेंगी :

कक्षावार विषयवार अगले सप्ताह में प्रभावी कक्षा शिक्षण हेतु कार्ययोजना

विषयवार अपेक्षित लर्निंग आउटकम प्राप्त न करने वाले बच्चों का चिन्हांकन एवं ध्यानाकर्षण मॉडयूल में वर्णित 18 तकनीकियों के आधार पर रिमिडियल टीचिंग इत्यादि अध्यापक, शिक्षामित्र अनुदेशक एवं रसोईयों की उपस्थिति हेतु एक समेकित पंजिका

• नामांकित छात्र छात्राओं का सम्पूर्ण विवरण। • अन्तिम कक्षा उत्तीर्ण व अन्यत्र गमन हेतु स्थानान्तरण प्रमाण पत्र निर्गमन का विवरण। विद्यालय में छात्र की दैनिक उपस्थिति का विवरण लाभार्थी संख्या, मीनू, खाद्यान्न, व्यय आदि के लेखा-जोखा का विवरण

निःशुल्क पाठ्य पुस्तक वितरण / निःशुल्क ड्रेस वितरण / निःशुल्क बैग वितरण / निःशुल्क जूता मोजा वितरण / निःशुल्क स्वेटर वितरण आदि सामग्रियों के वितरण हेतु एक समेकित पंजिका विद्यालय की सम्पूर्ण परिसम्पत्तियों, वस्तुओं, पंजिकाओं आदि का विवरण

विद्यालय में विभिन्न स्रोतों से प्राप्त आय एवं व्यय का विवरण।


विद्यालय प्रबंध समिति / अध्यापक-अभिभावक बैठक / माँ समूह / मीना मंच गठन / बाल संसद गठन / रसोईया चयन आदि कार्यवाही हेतु एक समेकित पंजिका

प्रशासनिक अधिकारियों हेतु।

विद्यालय से सम्बन्धित निर्गत व आगम पत्रों का विवरण • शिक्षक स्थानान्तरण / पदोन्नति / सेवानिवृति आदि का विवरण 

03 से 18 वय वर्ग के बच्चों का विवरण।

• पुस्तकालय एवं खेलकूद सामग्री के कय हेतु प्राप्त धनराशि का विवरण

पुस्तकों की संख्या / विवरण / प्रकाशन आदि का विवरण

• स्पोर्ट्स के अन्तर्गत खेलकूद सामग्री आदि का विवरण

* पंजिकाओं के प्रारूप पृथक से राज्य परियोजना कार्यालय द्वारा उपलब्ध कराये जायेंगे। उपर्युक्त पंजिकाओं के अतिरिक्त विद्यालयों में अन्य कोई पंजिका उपयोग में नहीं लायी जायेगी तथा पूर्व की शेष पंजिकायें अभिलेख के रूप में संरक्षित की जायेंगी। 
उपर्युक्त इंगित पंजिकाओं में से प्रवेश पंजिका का विवरण एम०डी०एम० पंजिका निरीक्षण पंजिका के ऑनलाइन विकल्प प्रेरणा पोर्टल पर उपलब्ध रहेंगे, जिसे समय-समय पर यथा आवश्यकतानुसार अद्यावधिक किया जायेगा। 

प्रेरणा पोर्टल के विभिन्न मॉडयूल्स में इन पंजिकाओं में अंकित विवरण भी प्रमाणित माने जायेंगे। ऑनलाइन प्राप्त विवरण एवं पंजिकाओं में अंकित विवरण में भिन्नता होने की स्थिति में प्रधानाध्यापक और खण्ड शिक्षा अधिकारी को उत्तरदायी माना जायेगा।

बच्चों एवं विद्यालय के रिपोर्ट कार्ड ऑनलाइन उपलब्ध होने के कारण पृथक पत्रावली में पी०डी०एफ० रूप में संरक्षित रखे जायेंगे।

7 विद्यालय अवधि में शिक्षक क्या करें : • आगामी शिक्षण दिवस की तैयारी हेतु दीक्षा प्लेटफार्म पर उपलब्ध स्टूडेन्ट फेसिंग वीडियो का अवलोकन कर अभ्यास करें एवं टीचिंग प्लान बनाते हुए प्रभावी कक्षा शिक्षण सुनिश्चित करें।

• शिक्षण संग्रह मॉडयूल में दिये गये निर्देश के अनुसार अनिवार्यतः प्रतिदिन प्रातःकालीन प्रार्थना सभा करायी जायेगी एवं विद्यालय में प्रतिदिन प्रार्थना एवं कालाँश परिवर्तन की घण्टी लगायी जायेगी।

• दैनिक सभा के दौरान सभा स्थल पर ही छात्रों में नैतिक मूल्यों के विकास हेतु समाज में व्याप्त कुरीतियों जैसे दहेज प्रथा मद्यपान, धूम्रपान जाति प्रथा, लिंग-भेद, भ्रष्टाचार, साम्प्रदायिकता आदि दूर करने हेतु बच्चों को शिक्षकों द्वारा विस्तृत जानकारी दी जाये तथा देश भक्ति एवं अच्छे संस्कार यथा- शिष्टाचार, सभ्य आचरण की प्रवृत्ति विकसित करने हेतु अमर शहीदों वीर पुरुषों देशभक्तों एवं सदाचार जैसे विषयों पर प्रतिदिन बच्चों से व्याख्यान दिलाया जाये।

• बच्चों को समय से विद्यालय में उपस्थित होने तथा योग के माध्यम से बच्चों के शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य के लिये अभिप्रेरित करेंगे।




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