बेरोजगारी का बढ़ता आलम यह है कि अच्छी सैलरी पैकेज का
सपना लेकर जिन लोगों ने बीटेक-एमटेक किया था वो अब ग्राम सहायक के लिए कतार में लगे हैं।
पिछले दिनों आवेदन प्रक्रिया पूरी होने के बाद यही सच सामने आया है। फिलहाल आवेदन पत्रों की स्क्रीनिंग की जा रही है। बाद में मेरिट तैयार होगी।
शासन ने मिनी सचिवालय का काम देखने के लिए प्रत्येक ग्राम सभा में एक ग्राम सहायक तैनात करने का निर्णय लिया है। जिले की 1540 ग्राम सभाओं के लिए कुल 20 हजार से अधिक आवेदन आए हैं।
p>यह आवेदन स्क्रीनिंग समिति को दिया गया है। शुरुआती दौर में ही तमाम ऐसे लोगों के आवेदन दिख रहे हैं जिन्होंने एमबीए, बीटेक, एमटेक, पीएचडी आदि किया है।इस पद के लिए शासन ने इंटर पास ही योग्यता रखी है और ग्राम सहायक को मानदेय के रूप में छह हजार रुपये प्रति माह की दर से भुगतान किया जाएगा।
हाईस्कूल और इंटर की ही बनेगी मेरिट
शासन की ओर से जारी विज्ञप्ति में मेरिट की बात कही गई थी, लिहाजा लोगों ने पूरी शैक्षणिक योग्यता को आधार मान लिया। लेकिन सच्चाई ये है कि यहां पर मेरिट केवल हाईस्कूल और इंटर में मिले प्राप्तांकों के आधार पर तैयार होगी।
यानी स्नातक, परास्नतक या उससे ऊंची शिक्षा के अंक नहीं जोड़े जाएंगे। डीपीआरओ आलोक कुमार सिन्हा का कहना है कि किस डिग्री धारक ने आवेदन किया है, यह तो रिपोर्ट आने के बाद ही मालूम चलेगा।
लेकिन मेरिट का आधार हाईस्कूल और इंटर ही है। अब 20 हजार आवेदन पत्रों की स्क्रूटनी के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
No comments:
Post a Comment