ग्राम समाज की बंजर व परती पड़ी जमीनों का सामुदायिक
उपयोग करने की तैयारी है।
ऐसी जमीनों को चिह्नित किया जाएगा और इसका इस्तेमाल, स्कूल, कॉलेज, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र या फिर अन्य जरूरी सुविधाओं के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।
शासन स्तर से इस संबंध में जल्द ही विस्तृत दिशा-निर्देश जारी करने की तैयारी है। राज्य सरकार लोगों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए नित नए प्रयास कर रही है।
खासकर स्कूल, कॉलेज, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र या फिर ऐसी सुविधाएं जिनकी लोगों को जरूरत है। इसके लिए जमीन जुटाने की व्यवस्था की जा रही है।
राजस्व विभाग की बैठक में इस संबंध में विचार-विमर्श के दौरान यह तय किया गया है कि ग्राम समाज की बंजर व परती पड़ी जमीनों को चिह्नित कर उस पर सामुदायिक सुविधाएं विकसित की जाएं।
इन जमीनों को चिह्नित करने के लिए लेखपालों को लगाया जाएगा। राजस्व विभाग पहले चरण में ऐसी जमीनों को चिह्नित कराएगा। उसके बाद अगर उस पर अवैध कब्जा है तो उसे खाली कराया जाएगा।
ऐसी खाली अधिकतर जमीनों पर कब्जा हो जाता है। इसमें ग्राम प्रधान से लेकर लेखपाल तक सब की मिली भगत होती है। इन जमीनों को खाली कराने के बाद जिलाधिकारियों के निर्वतन पर रखा जाएगा।
इसके बाद जिले स्तर पर बनने वाली योजनाओं में जरूरत के आधार पर इन जमीनों का इस्तेमाल किया जाएगा।
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