कम पढ़े लिखे युवाओं को तकनीकी शिक्षा देकर अपने पैरों पर
खड़े करने वाले आइटीआइ में प्रवेश के लिए पूरे प्रदेश में अभियान चलाया जाएगा।
16 अगस्त से 28 अगस्त तक चलने वाले अभियान में सूबे की सभी राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों व निजी संस्थानों को जोड़ा जाएगा।
कम पढ़े लिखे युवाओं को तकनीकी शिक्षा देकर अपने पैरों पर खड़े करने वाले आइटीआइ में प्रवेश के लिए पूरे प्रदेश में अभियान चलाया जाएगा।
16 अगस्त से 28 अगस्त तक चलने वाले अभियान में सूबे की सभी 305 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के अलावा 2969 निजी संस्थानों को जोड़ा जाएगा। 28 अगस्त को प्रवेश प्रक्रिया समाप्त होने के साथ ही संस्थानों की ट्ऱेडों को नए सिरे से तैयार करने की तैयारी शुरू हो गई है।
थ्योरी के मुकाबले प्रेक्टिकल पर जोर देेने के साथ ही पारंपरिक औजारों के मुकाबले आधुनिक औजारों के प्रयोग पर बल दिया जाएगा।
इसी क्रम में चारबाग के राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में एक निजी कंपनी की ओर से बीते वर्ष किए गए करार को आगे बढ़ाने और विद्याॢथयों को बाजार की मांग के अनुरूप तकनीकी ज्ञान सिखाने की तैयारीशुरू हो गई है।
प्रधानाचार्य ओपी सिंह ने बताया कि व्यावसायिक शिक्षा को रोजगार परक बनाने के साथ ही बाजार के अनुरूप तैयार किया जा रहा है। इलेक्ट्राॅिनिक्स कंपनी की ओर से स्थापित लैब राजधानी ही नहीं प्रदेश में अपनी तरह की खास लैब है। अंतिम वर्ष के विद्याॢथयों को प्रशिक्षण देने के साथ ही कंपनी की ओर से नौकरी का अवसर भी दिया जएगा।
लैब में आधुनिक उपकरणों के साथ ही रोजमर्रा की जरूरत के उपकरणों जैसे फ्रिज, वाशिंग मशीन और एलईडी के नए मॉडल के साथ उन्हेंं प्रशिक्षित किया जाएगा।
प्रशिक्षण के दौरान मानदेय देेने की भी मिलेगा। आइटीआइ में प्रवेश के लिए आनलाइन आवेदन प्रक्रिया चल रही है।
एससीवीटीयूपी.इन पर आवेदन किया जा सकता है। प्रदेश के सभी संस्थानों के प्रधानाचार्यों को रिक्त सीट के सापेक्ष मेरिट के आधार पर प्रवेश करने के निर्देश दिए गए हैं। रिक्त सीटों के मुकाबले प्रवेश लेने वालों की संख्या अधिक होने से प्रवेश की मारामारी है।
व्यावसायिक शिक्षा के संयुक्त निदेशक एससी तिवारी ने बताया कि आइटीआइ में प्रवेश लेने वाले अभ्यॢथयों का गुणवत्ता युक्त शिक्षा के साथ ही रोजगारपरक तकनीक सिखाने की सरकार की मंशा के सापेक्ष कवायद चल रही है।
अधिक से अधिक युवाओं को इसका लाभ मिले इसके लिए जिले की आइटीआइ की ओर से अभियान चलाया जा रहा है।
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