शैक्षणिक सत्र 2022-23 से शुरू होने वाले चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स को लेकर छात्रों को थोड़ा इंतजार करना पड़ सकता
है। वजह इस कोर्स को सिर्फ देश के कुछ चुनिंदा संस्थानों से ही शुरू करने का मामला कोर्ट में पहुंच गया है।
ऐसे में इसे शुरू करने में कुछ देरी हो सकती है। फिलहाल इस मामले की सुनवाई कोर्ट में इसी हफ्ते होनी है। ऐसे में माना जा रहा है कि इसके बाद स्थिति साफ हो सकती है।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सिफारिश के बाद राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) ने शैक्षणिक सत्र 2022-23 से इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स शुरू करने का प्रस्ताव किया था। इसे देश के करीब पचास संस्थानों से शुरू किया जाएगा।
बाद में इसे और संस्थानों में विस्तार दिया जाएगा। नीति में सिफारिश की गई है कि 2030 के बाद स्कूलों में चार वर्षीय बीएड करने वाले छात्रों को ही बतौर शिक्षक नियुक्ति दी जाए।
इनमें सीधें बारहवीं के बाद दिया जाएगा दाखिला
एनसीटीई से जुड़े सूत्रों की मानें तो नए शैक्षणिक सत्र से इस इंटीग्रेटेड कोर्स को शुरू करने की तैयारी है। इसके तहत तीन तरह के कोर्स शुरू किए जाएंगे। इनमें बीए-बीएड, बीएससी- बीएड और बीकाम- बीएड शामिल है। इनमें दाखिला सीधे बारहवीं के बाद दिया जाएगा।
इस कोर्स से शिक्षक बनने का सपना देख रहे छात्रों की पढ़ाई न सिर्फ चार साल में पूरी होगी, बल्कि उन्हें दोहरी डिग्री भी मिलेगी। अभी शिक्षक बनने के लिए तीन साल तक ग्रेजुएशन और दो साल का बीएड का कोर्स करना होता है। ऐसे में कुल पांच साल लगते हैं। इन नए कोर्स से अब ऐसे छात्रों का एक साल का समय भी बचेगा।
गौरतलब है कि इस कोर्स को शिक्षक शिक्षा दे रहे देशभर के सभी संस्थान शुरू करना चाहते हैं। बड़ी संख्या में संस्थानों ने इसके लिए शुरुआत में आवेदन भी दिया था। बाद में यह कहते हुए उनका पैसा वापस कर दिया गया कि अभी इसे सिर्फ पचास संस्थानों से ही शुरू किया जाएगा।
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