सरकार ने राष्ट्रीय प्रशिक्षुता प्रशिक्षण योजना (एनटीएस) में संशोधन
करने का प्रस्ताव किया है और इसका अंतिम कैबिनेट नोट विचारार्थ मंत्रिमंडल सचिवालय के पास भेजा गया है।
योजना में प्रस्तावित संशोधन के तहत डिग्री प्रशिक्षुता (एप्रेंटीशिप) योजना में गैर तकनीकी विषयों में शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्र-छात्राओं को भी शामिल किया जा सकेगा।
शिक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने 'भाषा को बताया, '' उच्चतर शिक्षा विभाग ने वर्ष 2021-22 से 2025-26 की अवधि के लिए राष्ट्रीय प्रशिक्षुता प्रशिक्षण योजना में संशोधन करने का प्रस्ताव किया है।
उन्होंने बताया कि अंतर मंत्रालयी विचार विमर्श के बाद राष्ट्रीय प्रशिक्षुता प्रशिक्षण योजना (एनटीएस) से संबंधित अंतिम कैबिनेट नोट को विचारार्थ मंत्रिमंडल सचिवालय के समक्ष भेजा गया है।
संशोधित योजना के तहत स्नातक, तकनीशियन और डिग्री प्रशिक्षुओं के शिक्षा प्रशिक्षण को शामिल करने का प्रस्ताव किया गया है ।
इसके तहत डिग्री प्रशिक्षुता में गैर तकनीकी विषयों (बीए/ बीकॉम/ बीएससी) आदि में शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्रों को भी एनटीएस योजना के तहत शामिल करने का प्रस्ताव किया गया है।
कौशल विकास मंत्रालय के अनुसार, स्नातकों, तकनीशियनों और डिग्री प्रशिक्षुओं के लिए वर्ष 2021-22 से 2025-26 की अवधि के दौरान मानदेय राशि (स्टाइपेंड) की प्रतिपूर्ति के लिए अनुमानित लागत 3000 करोड़ रूपए का प्रावधान किया जा सकता है। गौरतलब है कि साल 2016 में राष्ट्रीय प्रशिक्षुता संवर्धन योजना शुरू की गई थी।
भारत सरकार प्रशिक्षुता (एप्रेंटीशिप) के क्षेत्र में संयुक्त अरब अमीरात के साथ साझेदारी करने जा रही है जिसके तहत प्रमाणित कार्यबल के परिनियोजन के साथ कौशल योग्यता का आकलन, समीक्षा और प्रमाणीकरण किया जाएगा।
इसके अलावा, भारत और जापान के बीच सहयोगी प्रशिक्षण अंतर प्रशिक्षण कार्यक्रम भी शुरू किया गया है जिसके तहत जापान के औद्योगिक और व्यावसायिक कौशल, तकनीक और ज्ञान का लाभ लिया जा सकेगा।
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