शिक्षकों ने मांग की है कि पंचायत चुनाव की ड्यूटी करने के बाद
कोविड 19 के संक्रमण के कारण मरने वाले शिक्षकों को 2005 से पहले लागू पुरानी पेंशन दी जाए।
उप्र प्राथमिक शिक्षक संघ ने दावा किया है कि अब तक 1600 शिक्षकों की मौत हो चुकी है, जिन्होंने पंचायत चुनाव में ड्यूटी की थी।
इससे पहले तीन चरणों के चुनाव के बाद संक्रमित होकर मृत हुए 706 शिक्षकों की सूची संघ ने राज्य निर्वाचन आयोग को सौंपी थी, जिसका सत्यापन जिलाधिकारियों के माध्यम से करवाया जा रहा है।
संघ के प्रदेश अध्यक्ष डा. दिनेश चन्द्र शर्मा ने कहा है कि हाईकोर्ट ने भी माना है कि इन शिक्षकों-कर्मचारियों के परिवारों को एक-एक करोड़ रुपये का आर्थिक मुआवजा दिया जाए।
इनके परिवार में जो आश्रित डीएलएड या बीएड की योग्यता रखता है उसे टीईटी से छूट देते हुए शिक्षक के पद पर तुरंत नियुक्ति दी जाए। वहीं बाकियों को लिपिक के पद पर नियुक्त दी जाए।
उन्होंने इन शिक्षकों को कोरोना योद्धा घोषित करने की मांग करते हुए कहा कि इनकी ग्रेच्युटी की धनराशि भी दी जाए। वहीं कोरोना संक्रमित शिक्षकों के इलाज में खर्च हुई धनराशि की प्रतिपूर्ति भी सरकार करे।
संघ ने चुनाव में अनुपस्थित शिक्षकों-कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई भी खत्म करने का अनुरोध किया है और कहा है कि बेसिक शिक्षकों से आरटीई एक्ट के तहत शिक्षण के अलावा और कोई भी काम नहीं लिया जाए।
No comments:
Post a Comment