उत्तर प्रदेश में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा विभाग (एलोपैथी) में
विशेषज्ञ चिकित्सकों के 3620 पदों पर सीधी भर्ती के लिए सिर्फ 4062 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। इनमें से 179 ने फोटो और हस्ताक्षर अपलोड करने में त्रुटि कर दी है।
इन्हें संशोधन के लिए सात जुलाई तक का मौका दिया गया है। यानि एक पद पर दो दावेदर भी नहीं हैं।
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ( UPPSC ) ने 21 से 40 वर्ष के एमबीबीएस और संबंधित विषय में स्नातकोत्तर (एमडी या एमएस) उपाधि प्राप्त अभ्यर्थियों से 28 मई को आवेदन मांगे थे। लेकिन हर बार की तरह बहुत कम अभ्यर्थियों ने ही रुचि दिखाई है।
कोरोना की तीसरी संभावित लहर में बच्चों के सर्वाधिक प्रभावित होने की आशंकाओं के बीच इस भर्ती में सबसे अधिक 600 पीडियाट्रीशियन (बाल रोग विशेषज्ञों) की नियुक्ति होनी है।
आयोग ने एक महीने में तीन बार डॉक्टरों की भर्ती के लिए आवेदन मांगा। इससे पहले चार जून को चिकित्सा शिक्षा विभाग (एलोपैथी) में असिस्टेंट प्रोफेसर के 102 पदों पर और 25 जून को असिस्टेंट प्रोफेसर के 128 पदों पर ऑनलाइन आवेदन मांगे हैं।
कभी नहीं भर पाते डॉक्टरों के पूरे पद
आयोग जब भी डॉक्टरों की भर्ती के लिए आवेदन मांगता है तब पूरे पद नहीं भर पाते। अधिकांश बार आवेदन बहुत कम आते हैं। जबकि अन्य पदों पर भर्ती के लिए लाखों अभ्यर्थी आवेदन करते हैं।
उदाहरण के तौर पर पीसीएस 2021 के 538 पदों के लिए 691173 अभ्यर्थियों ने फॉर्म भरा है। तो वहीं राजकीय विद्यालयों में प्रवक्ता के 1473 पदों के लिए लगभग पांच लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है।
No comments:
Post a Comment