उत्तर प्रदेश सरकार ने सरकारी विभागों में नौकरियां देने की
मुहिम के तहत अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूपीएसएसएससी) की प्रारंभिक अर्हता परीक्षा (पीईटी) अगस्त में कराने का फैसला किया है।
इस परीक्षा में 20 लाख 73 हजार 540 अभ्यर्थी शामिल होंगे। प्रारंभिक परीक्षा के बाद अक्तूबर में मुख्य परीक्षा कराई जा सकती है।
आयोग ने परीक्षा एजेंसियों का चयन कर लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को भर्ती चयन आयोगों के अध्यक्षों के साथ बैठक कर अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
आयोग के चेयरमैन प्रवीर कुमार ने परीक्षा तिथि की मंजूरी मुख्यमंत्री द्वारा किए जाने की सूचना देते हुए बताया है कि यह परीक्षा दो पालियों में कराई जाएगी।
लिखित परीक्षा के केंद्र राज्य के सभी जिलों में होंगे। 3000 से भी अधिक परीक्षा केंद्र इसके लिए जिलों में बनाए जाएंगे।
आयोग इस प्रारंभिक अर्हता परीक्षा के बाद अक्तूबर में पदों के हिसाब से मुख्य परीक्षा कराने की तैयारी है।
परीक्षा का पाठयक्रम आयोग ने पहले ही घोषित कर रखा है। अंग्रेजी को अनिवार्य किया गया है।
100 बहुविकल्पीय प्रश्नों की लिखित परीक्षा में माइनस मार्किंग की व्यवस्था रहेगी।
उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग अगस्त में प्रारंभिक अर्हता परीक्षा कराने की तैयारियों में जुट गया है।
अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो जुलाई के अंतिम सप्ताह तक परीक्षा कार्यक्रम जारी कर दिया जाएगा, जिससे आवेदकों को तैयारी के लिए पर्याप्त समय मिल सके।
परीक्षा कराने से पहले यह भी देखा जाएगा कि अन्य कोई दूसरी परीक्षाएं न हो।
विधानसभा चुनावों से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकारी नौकरियों के लिए 74 हजार पदों पर भर्ती प्रक्रिया जल्द शुरू करने को कहा है।
उन्होंने शुक्रवार को निर्देश दिए कि यह काम पूरी पारदर्शिता व निष्पक्षता से होना है।
खराब छवि वाले विद्यालयों को परीक्षा केंद्र बिल्कुल न बनाया जाए। परीक्षाएं पूरी तरह नकल विहीन होनी चाहिए। अधिनस्थ सेवा चयन आयोग की प्रारंभिक परीक्षा के लिए तिथि जल्द तय कर दी जाएगी
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