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UP के लाखों शिक्षकों के लिए खुशखबरी, सभी जिलों में शिक्षकों के लिये ‘पे रोल मॉडयूल’ लागू , अब समय पर मिलेगा वेतन और एरियर

 उत्तर प्रदेश के पांच लाख से ज्यादा शिक्षकों के लिये अच्छी खबर।


समय पर वेतन और एरियर नहीं मिल पाने की उनकी परेशानी नये शैक्षणिक सत्र से दूर होने जा रही है।

 दरअसल अब सभी जिलों में शिक्षकों के लिये ‘पे रोल मॉडयूल’ लागू किया जा रहा है।

 इससे सरकारी प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों को न सिर्फ समय पर वेतन मिल सकेगा, बल्कि छुट्टी में होने वाले खेल से भी निजात मिल सकेगी। 

मार्च आ गया, फरवरी का वेतन नहीं मिला 

फिलहाल उत्तर प्रदेश के 200 ब्लॉकों में यह ‘पे रोल मॉडयूल’ लागू किया जा सका है। अब इसे सभी 822 ब्लॉको में लागू करने का फैसला लिया गय है।

 आमतौर पर शिक्षकों को वेतन महीने की पांच से 10 तारीख के बीच मिल पाता है। लखनऊ में ही अभी तक ज्यादातर ब्लॉकों में फरवरी का वेतन नहीं मिल पाया है।

 वेतन बनाने का काम खण्ड शिक्षा अधिकारी के स्तर पर होता है। शिक्षकों की उपस्थिति आदि के आधार पर बीईओ वेतन बिल वित्त व लेखाधिकारी के पास जमा करते हैं और इसके बाद ही वेतन जारी होता है। 

छुट्टियों के नाम पर होता है खेल, कटता है वेतन

सबसे ज्यादा खेल बाल्य देखरेख अवकाश में होता है। ज्यादातर जगह बिना सुविधा शुल्क दिए छुट्टियां मंजूर नहीं होती और यदि शिक्षिका बिना मंजूरी के छुट्टी पर चली जाती है तो उसका वेतन काट लिया जाता है।

 फिर एरियर जारी करने के नाम पर भी खेल होता है। लखनऊ में ही एक शिक्षिका ने बच्चे की परीक्षा के नाम पर बाल्य देखरेख अवकाश के तहत छुट्टी का आवेदन किया और इसे इस वजह से नामंजूर कर दिया गया कि बच्चा बोर्ड परीक्षा नहीं दे रहा। 

अब पे रोल मॉडयूल जारी होने के बाद उन्हें इससे निजात मिलेगी और यदि उनका वेतन कटा तो समय पर एरियर उनके खाते में आ जाएगा। 

मानव संपदा पोर्टल से सम्बद्ध है ये मॉड्यूल

पेार्टल पर शिक्षकों की छुट्टियों का बहीखाता मौजूद है। इसके हिसाब से वेतन बन कर बीईओ के डिजिटल साइन से वित्त व लेखाधिकारी के पास ऑनलाइन जाएगा और  निश्चित समयसीमा के अंदर वेतन जारी करना होगा।

 छुट्टियां मंजूर करने के लिए भी समयसीमा व अधिकारियों की जवाबदेही तय है। 

लिहाजा इस मॉडयूल के लागू होने के बाद अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर शासन नजर रख सकेगा और शिक्षकों को बीईओ कार्यालय से चक्कर लगाने से निजात मिलेगी। 

ये हैं फायदे-

- समय पर वेतन

- छुट्टियों के नाम पर होने वाले खेल से छुटकारा

- रिटायरमेंट के बाद भुगतान को लेकर झंझट नहीं

- कर्मचारी के वेतन विवरण का ऑनलाइन प्रबंधन

- वेतन विस्तार में अपडेशन का ट्रैक रिकॉर्ड

-  वेतन बिल (जीपीएफ, एनपीएस, ऑल द्वारा फ़िल्टर आदि) एक नजर में दिखेगा

-  सैलरी एडवाइज व फार्म 16 यहीं से मिलेगा 


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