आजमगढ़ : अब शिक्षकों को डायरी में शिक्षण कार्यों का हिसाब-
किताब रखना होगा।
निरीक्षण के दौरान यह डायरी ही अफसरों को बताएगी कि शिक्षकों ने बच्चों को कितना पढ़ाया। इस डायरी में दर्ज कार्यों के आधार पर ही छात्रों से सवाल-जवाब भी किए जाएंगे।
यही नहीं, यदि कोई शिक्षक डायरी तैयार नहीं करेगा तो उसके खिलाफ विभाग कार्रवाई भी करेगा।
भले ही नए शिक्षा सत्र की शुरुआत कोविड-19 के चलते स्कूल बंद होने से हुई है, पर शासन इस बार स्कूलों में पढ़ाई को लेकर सख्त नजर आ रहा है।
शिक्षा महानिदेशक विजय किरण आनंद ने स्कूलों में शिक्षकों के लिए शिक्षक डायरी तैयार रखने के निर्देेश दिए हैं और डायरी सभी संकुलों में शिक्षकों को दी जा चुकी है।
शिक्षकों को इस डायरी में स्कूल के कार्य दिवसों में किस कक्षा में क्या शिक्षण कार्य किया, सप्ताह व माह के हिसाब से शिक्षण कार्यों का ब्योरा भी लिखना होगा।
स्कूल के निरीक्षण के दौरान अधिकारी इस शिक्षक डायरी को देखेंगे और इसी से स्कूल में हो रही पढ़ाई का आंकलन करेंगे। उधर काफी लंबे समय से स्कूलों के शिक्षक भी इस शिक्षक डायरी उपलब्ध कराने की मांग करते रहे थे।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अम्बरीष कुमार ने बताया कि प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों व कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों के लिए शिक्षक डायरी अनिवार्य कर दी गई।
मार्च में ही शिक्षक डायरी उपलब्ध करा दी गई है। डायरी तैयार नहीं करने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई की जाएगी।
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